हमारे देश में ही नहीं, दुनियाभर में लोग स्ट्रीट फूड्स को बेहद चाव से खाते हैं। लोग स्ट्रीट फूड्स के दीवाने होते हैं। बात अगर हमारे देश के बारे में करें तो हमारे यहां के स्ट्रीट फूड्स तो इतने ज़्यादा पॉप्युलर हैं कि कई विदेशी यात्री विशेषतौर पर इन स्ट्रीट फूड्स का स्वाद लेने के लिए ही भारत यात्रा पर आते हैं। लेकिन स्ट्रीट फूड्स के साथ एक सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि हमें नहीं मालूम होता है ये कितने साफ और सेफ हैं। अब तो अधिकतर स्ट्रीट फूड्स के नाम पर जंक फूड्स ही अधिक बिका करता है। कई दफा इन्हें खाने से सेहत से जुड़ी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। लेकिन फिर भी भारत में ऐसे कई स्ट्रीट फूड्स मिलते हैं जिन्हें आप जब चाहे या फिर जहां चाहे खा सकते हैं और इनसे आपकी सेहत को भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है। आज ऐसे ही 6 स्ट्रीट फूड्स का ज़िक्र हम आपसे कर रहे हैं।
01- भेलपुरी

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मुंबई से निकलकर देश और दुनिया में छा जाने वाली भेलपुरी खाने से सेहत को नुकसान होने का शायद ही कोई खतरा होता होगा। मुरमुरों से बनने वाली भेलपुरी ना सिर्फ एक हल्का स्नैक है, बल्कि ये फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भी भरपूर होती है। इसमें टमाटर, हरी मिर्च, प्याज, धनिया और आलू जैसी सब्जियां मिलाई जाती हैं। ये सभी सब्जियां भी काफी न्यूट्रीशियस होती हैं। हरी चटनी और नींबू के साथ सर्व की जाने वाली भेलपुरी खाना सेफ है।
02- इडली या डोसा

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साउथ इंडिया के पॉप्युलर स्ट्रीट फूड यानि इडली और डोसा आज सारे भारत में लोकप्रिय हो चुके हैं। इडली और डोसा, दोनों ही चावल और उड़द की दाल से बनते हैं। मतलब इनमें काफी प्रोटीन होता है। इससे एनर्जी भी काफी मिलती है। इडली को तो भाप में पकाया जाता है। इसलिए ये पूरी तरह से सुरक्षित होती है। जबकी डोसा पकाने में तेल का इस्तेमाल होता है जो कि बहुत कम ही होता है। इडली और डोसा दोनों ही सांभर के साथ खाए जाते हैं जो ढेरों हेल्दी सब्जियों से बनता है। इसलिए स्ट्रीट पर बिकने वाला इडली या डोसा खाने में कोई बुराई नहीं है।
03- तंदूरी चिकन

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भारतीय खान-पान की सबसे विशेष डिश में से एक है तंदूरी चिकन। अगर भारत के स्ट्रीट फूड्स की लिस्ट बनाई जाए तो वो लिस्ट बिना तंदूरी चिकन के अधूरी ही मानी जाएगी। ये तो आप जानते ही हैं कि चिकन प्रोटीन का एक बढ़िया सोर्स है। साथ ही इसमें कैलोरी भी काफी कम होती हैं। फ्राई चिकन में जहां खूब सारे तेल का इस्तेमाल होता है तो वहीं तंदूरी चिकन में तेल का इस्तेमाल बेहद ही कम होता है। मसालों और मक्खन के साथ तंदूरी चिकन खाने में कोई बुराई नहीं होती है।
04- शकरकंद

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हालांकि आलू के बारे में आम धारणा ये है कि इसे ज़्यादा खाने से वज़न बढ़ता है और दूसरी समस्याएं होती हैं। लेकिन चाहे आलू हो या फिर स्वीट पटेटो यानि शकरकंद हो, इनसे इस तरह की कोई समस्या नहीं होती है। बल्कि ये तो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। शकरकंद में तो विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी कूट-कूटकर भरे होते हैं। साथ ही इसमें मिनरल्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। फाइबर भी शकरकंद में बढ़िया मात्रा में होता है। इसलिए अगर सड़क आपको कोई शकरकंद बेचने वाला दिख जाए तो बेझिझक खाईए।
05- भुट्टा

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भुट्टे में तो वैसे भी ना तो ज्यादा फैट होता है और ना ही ज़्यादा कैलोरी ही होती है। इसमें तो बढ़िया मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होता है। साथ ही भुट्टे में ढेर सारे एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। इसलिए सड़क किनारे अगर किसी भुट्टे बेचने वाले को देखकर आपका दिल भुट्टे का स्वाद लेने का हो जाए तो अपने आपको मत रोकिएगा।
06- परांठा

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उत्तर भारत में आपको हर शहर में सड़क किनारे परांठे बेचने वाले स्टॉल्स मिल जाएंगे। आटे से बना हुआ परांठा खाने में कोई भी बुराई नहीं होती है। बस करना ये है कि परांठा बनाने वाले के तेल को जांच लेना है। कई बार लोग गंदे तेल में भी परांठा बनाने लगते हैं। ऐसे तेल में बना परांठा खाना सही नहीं है।