https://youtu.be/j8Kg65CGRVoनई दिल्ली। पिछले एक हफ्ते में ही कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या करीब-करीब दो गुनी हो चुकी है माना जा रहा है कि सरकार की सख्ती और लॉकडाउन की वजह से संक्रमण की चेन को ढूंढना अब आसान हो गया है इसीलिए अब पहले की तुलना में ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। भले ही भारत में कोरोना के संक्रमण की जांच की रफ्तार पहले से बढ़ी हो मगर एक सच ये भी है कि भारत जैसे बड़े देश के लिए ये अभी भी ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर ही है। अभी तक सरकार पांच तरह के लोगों को कोरोना टेस्ट के दायरे में रखा जा रहा था।
- पहला जो विदेश से आए हों और जिनमें कोरोना के लक्षण हो
- दूसरा जो विदेश से आए कोरोना मरीज के संपर्क में आए हों
- तीसरा कोराना मरीज के परिजन जो उसके संपर्क में आए हों
- चौथा अस्पतालों में भर्ती मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण हो
- पांचवां मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर जिनमें कोरोना के लक्षण हो
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो जितने भी लोगों में कोरोना के संक्रमण की जांच कराई जा रही है, अब उसका दायरा बढ़ाने का वक्त आ चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि जितना ज्यादा से ज्यादा लोगों को जांच के दायरे में लाया जाएगा, उतना ही कोरोना को काबू करना आसान होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस महामारी से सबसे ज्यादा जूझ रहे अमेरिका और इटली में भारत की तुलना में कहीं ज्यादा लोगों का टेस्ट कराया जा चुका है। वो भी तब जब ये दोनों देशों की आबादी भारत से कई गुना कम है। अमेरिका में अब तक करीब सवा दस लाख लोगों की जांच कराई गई है। वहां हर दस लाख में तीन हजार से ज्यादा लोगों में संक्रमण की जांच अब तक हो चुकी है। इसी तरह इटली में अब तक साढ़े चार लाख से ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। यानी यहां हर दस लाख की आबादी में 3600 से ज्यादा लोगों को जांच के दायरे में शामिल किया गया। इनकी तुलना में अगर भारत की बात की जाए तो अब तक अब तक करीब 43 हजार लोगों में ही संक्रमण की जांच हुई है। यानी हर दस लाख की आबादी पर सिर्फ 32 लोगों के टेस्ट। इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण की जांच कराने के बावजूद कोरोना ने अमेरिका और इटली जैसे देशों में कत्ल-ए-आम मचा दिया है. इसका मतलब साफ है कि भारत को जांच की रफ्तार अब तेज करने का वक्त आ चुका है। सरकार ऐसा कर भी रही है कुछ दिनों पहले ही कुछ निजी प्राइवेट अस्पतालों और लेबोरेट्रीज को कुछ शर्तों के साथ कोरोना के टेस्ट की परमिशन दी गई है। ऐसे में उम्मीद तो यही है कि आने वाले दिनों मे ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट के दायरे में शामिल किया जाएगा ऐसे में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ेगी लेकिन घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि ये लोगों के भले के लिए ही है।